ऐक्टर शिवाजी साटम (Shivaji Satam) 4 दशकों से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें जो पॉप्युलैरिटी और स्टारडम 'सीआईडी' (C.I.D.) के एसीपी प्रद्युमन () बनकर मिला, वह शायद ही कभी मिला हो। शिवाजी साटम ने अपने 41 साल लंबे करियर में कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया। कई यादगार किरदार निभाए, पर लोग आज भी असल जिंदगी में शिवाजी साटम को एसीपी प्रद्युमन के नाम से जानते हैं। एसीपी प्रद्युमन के किरदार में शिवाजी साटम का डायलॉग 'कुछ तो गड़बड़ है' (ACP Pradyuman kuch toh gadbad hai) बहुत हिट हुआ। आज भी लोग शिवाजी साटम को देख 'कुछ तो गड़बड़ है दया' डायलॉग को याद करते हैं। पर असल में यह डायलॉग आया कैसे? कैसे यह 'सीआईडी' का हिस्सा बना? इसके बारे में शिवाजी साटम ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' को दिए इंटरव्यू में बताया। ऐसे हुआ था 'कुछ तो गड़बड़ है' का आविष्कार (How kuch toh gadbad hai dialogue was made) शिवाजी साटम ने कहा, 'कुछ तो गड़बड़ है' डायलॉग को शो के लिए प्लान ही नहीं किया गया था। यह शो का हिस्सा नहीं था। एक बार मैं शो के क्रिएटर के साथ एक सीन डिस्कस कर रहा था। मैं कुछ बात कर रहा था सीन को लेकर और क्रिएटर मुझे लगातार देखे जा रहे थे। मैंने पूछा कि क्या हुआ तो उन्होंने कहा, 'जिस तरह से तू एक्सप्लेन कर रहा है। अभी जो तू ऐसे हाथ करके बता रहा है। यही मुझे चाहिए। करेगा तू ये? इसके बाद तो शिवाजी साटम का 'कुछ तो गड़बड़ है' डायलॉग और हाथ का वह ऐक्शन ट्रेंड ही बन गया और इतिहास रच दिया। कुछ साल पहले 'सीआईडी' शो बंद कर दिया गया, पर आज भी यह शो और इसके किरदार लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। लता मंगेशकर ने घर डिनर पर बुलाया, दिया था यह गिफ्ट (Lata Mangeshkar gift to C.I.D. team) लेजेंडरी सिंगर लता मंगेशकर भी शिवाजी साटम और 'सीआईडी' शो की फैन हैं। शिवाजी साटम ने बताया कि लता मंगेशकर ने एक बार शो की पूरी टीम को घर पर डिनर के लिए बुलाया था और उस वक्त उन्होंने सभी को बहुत ही खूबसूरत गिफ्ट भी दिए थे। शिवाजी साटम ने बताया कि लता मंगेशकर की गिफ्ट की हुई घड़ी वह आज भी पहनते हैं और बखूबी संभालकर रखी है। वह सभी को गर्व से बताते हैं कि यह घड़ी उन्हें लता मंगेशकर ने गिफ्ट की। ऐक्टर बनने से पहले बैंक में कैशियर थे शिवाजी साटम (Shivaji Satam biography) शिवाजी साटम का जन्म 1950 में मुंबई में हुआ था। ऐक्टिंग की दुनिया में आने से पहले वह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कैशियर थे। शिवाजी साटम ने फिजिक्स में ग्रैजुएशन और बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा किया हुआ था। शिवाजी साटम को ऐक्टिंग का भी शौक था, पर तब यह नहीं पता था कि आने वाले वक्त में ऐक्टिंग के लिए उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी। 'रामायण' के 'दशरथ' बाल दुरी ने दिया था मौका (Shivaji Satam Bal Dhuri connection) शिवाजी साटम ने इंटर बैंक स्टेज कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया। वहां रामानंद सागर की 'रामायण' में दशरथ का रोल निभाने वाले मराठी ऐक्टर बाल धुरी की नजर शिवाजी साटम पर पड़ी और 'संगीत वरद' में मौका दिया। 1980 में डेब्यू, कई फिल्में और टीवी शोज किए (Shivaji Satam debut, movies and TV shows) शिवाजी साटम ने अपने करियर की शुरुआत 1980 में टीवी शो 'रिश्ते नाते' से की थी। इसके बाद वह कई मराठी और हिंदी टीवी सीरियलों में नजर आए। शिवाजी साटम ने 'वास्तव', 'कुरुक्षेत्र', 'दाग द फायर', 'पुकार', 'बागी', 'जिस देश में गंगा रहता है', 'नायक' और 'हथियार' जैसी दर्जनों हिंदी फिल्में कीं।
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