को गुरुवार को भी जमानत ( Plea) नहीं मिली। दो दिनों की लगातार सुनवाई के बाद मुंबई की स्पेशल एनडीपीएस अदालत ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अब इस पर 20 अक्टूबर को जज वीवी पाटिल फैसला सुनाएंगे। आर्यन खान 2 अक्टूबर की रात को हिरासत में लिए गए थे। चार दिन उन्होंने एनसीबी की कस्टडी में बिताए, वहीं अब 14 दिनों की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में आर्थर रोड जेल में रातें काट रहे हैं। आर्यन के वकीलों अमित देसाई और सतीश मानशिंदे ने पूरी कोशिश की कि गुरुवार को जमानत मिल जाए। वह रिहा हो जाएं और अपने घर 'मन्नत' लौट आएं। गुरुवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की जिरह भी पूरी हो चुकी थी। हर किसी को उम्मीद थी कि आर्यन की जमानत पर सेशंस अदालत का फैसला आ जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जाहिर है, ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर जज वीवी पाटिल ने फैसला सुनाने के लिए 5 दिन का वक्त क्यों लिया? यदि आप यह सोच रहे हैं कि ऐसा 5 दिनों की कोर्ट की छुट्टी के कारण हुआ है तो आप आंशिक रूप से ही सही, लेकिन गलत हैं। आर्यन खान नहीं, कैदी नंबर-956 आर्थर रोड जेल में आर्यन खान का क्वॉरंटीन भी खत्म हो चुका है। अब वह आम कैदियों की तरह सामान्य बैरक में कैद हैं। जेल में वह आर्यन खान नहीं, बल्कि कैदी नंबर-956 हैं। आर्यन खान को 7 अक्टूबर को किला कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था। इस तरह 20 अक्टूबर को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि भी पूरी हो रही है। यह सच है कि शुक्रवार से मंगलवार तक कोर्ट की छुट्टी है। यही कारण है कि गुरुवार का दिन आर्यन के लिए अहम था। कोर्ट में सुनवाई के बाद एनसीबी और आर्यन के वकीलों ने मीडिया से बात की और समझाया कि आखिर जज वीवी पाटिल ने फैसला सुनाने के लिए इतना वक्त क्यों लिया है। कोर्ट में दिया गया दर्जनभर फैसलों का हवालावकीलों ने बताया कि कोर्ट में गुरुवार को जिरह के दौरान दोनों पक्षों ने कई दूसरे कोर्ट केस के फैसलों का हवाला दिया है। इनमें शौविक चक्रवर्ती की जमानत पर हाई कोर्ट का फैसला भी शामिल है। ASG अनिल सिंह ने कोर्ट में एनसीबी की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए, तो वकील अमित देसाई ने आर्यन की रिहाई की तरफदारी करते हुए 12 से अधिक कोर्ट के फैसलों का जिक्र किया है। ऐसे में जज वीवी पाटिल को फैसला सुनाने से पहले उन सभी मामले के फैसलों को पढ़ना होगा। जाहिर है कि इसके लिए समय की जरूरत है। यही कारण है कि जज ने गुरुवार को अपना सुरक्षित रख लिया। 'कोर्ट में जमा फैसलों की कॉपीज को पढ़ने में लगेगा वक्त'कोर्ट में गुरुवार को आर्यन खान के साथ ही अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा और दूसरे आरोपियों की जमानत पर भी सुनवाई हुई। मामले में अरबाज मर्चेंट के वकील तारक सईद के सहयोगी वकील अद्वैत तम्हंकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया, 'वकील अमित देसाई ने तर्क दिया कि यह मामला किसी साजिश से जुड़ा हुआ नहीं है, जैसा कि एनसीबी दावा कर रही है। अब कोर्ट ने इस आदेश को 20 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रखने का फैसला किया। अमित देसाई, एएसजी अनिल सी सिंह और अदालत में मौजूद अन्य सभी वकीलों ने अदालत में कई दूसरे कोर्ट केस के फैसलों की कॉपी जमा की हैं। ऐसे में माननीय न्यायाधीश को अपना आदेश पारित करने से पहले उन सभी निर्णयों को पढ़ना होगा, इसलिए उन्हें इतना समय देना होगा।' 'उम्मीद है 20 को फैसला हमारे हक में होगा'मुनमुन धमेचा के वकील अली काशिफ खान ने कहा, 'अदालत में मौजूद सभी वकीलों द्वारा अपनी दलीलें पेश करने के बाद, सभी ने अदालत में कई फैसलों की कॉपीज सौंपी हैं। न्यायालय को अपने अंतिम आदेश पर पहुंचने से पहले इन सभी दस्तावेजों को पढ़ना होगा। हम आशा करते हैं कि 20 अक्टूबर को फैसला हमारे हक में होगा।' 20 अक्टूबर को खत्म हो रही है न्यायिक हिरासत यहां एक और बात गौर करने वाली है। 20 अक्टूबर को आर्यन की न्यायिक हिरासत की अवधिक भी खत्म हो रही है। यानी कानूनन आर्यन को उस दिन कोर्ट में पेश किया जाएगा। बुधवार, 20 अक्टूबर को जमानत पर भी फैसला आएगा। यानी अगर आर्यन को सेशंस अदालत से जमानत मिल जाती है तो वह रिहा होकर घर लौट आएंगे। लेकिन यदि जमानत नहीं मिलती है तो आर्यन को न्यायिक हिरासत आगे बढ़ाई जा सकती है।
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