जब भी कबीर बेदी की बात की जाती है तो उनकी शादियों और रिलेशनशिप्स की बात भी आती है। कबीर बेदी एक समय पर परवीन बाबी के साथ रिलेशनशिप में थे। अब अपने संस्मरण में कबीर बेदी ने अपनी पहली शादी और परवीन बाबी से रिश्ते के बारे में खुलकर बात की है।
बॉलिवुड की सबसे हैंडसम शख्सियतों में शुमार कबीर बेदी केवल अपनी फिल्मों के लिए ही नहीं बल्कि अपनी शादी और रिलेशनशिप्स को लेकर भी काफी चर्चा में रहे हैं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान कबीर बेदी ने अपने संस्मरण लिखे हैं। इन पुरानी यादों में कबीर बेदी ने अपनी पहली पत्नी प्रतिमा बेदी के साथ ओपन मैरिज और परवीन बाबी के साथ अपने रिश्ते के बारे में खुलकर बताया है।
'ओपन मैरिज' में थे कबीर बेदी और प्रतिमा बेदी
कबीर बेदी ने लिखा है कि लोग समझते हैं कि उनका ओपन मैरिज में होना खुशकिस्मती थी, मगर इस ओपन मैरिज ने प्रतिमा के साथ उनके रिश्ते को खत्म कर दिया। उन्होंने लिखा, 'हमारी ओपन मैरिज शुरू में अच्छा आइडिया लगा, मगर मुझे इससे बहुत बेचैनी होने लगी थी क्योंकि हमारी नजदीकियां बिल्कुल खत्म हो गई थीं। जिस प्यार-दुलार की मुझे जरूरत थी वह बिल्कुल नहीं था और मैं खुद को अकेला महसूस करता था। इस खालीपन को वक्त के साथ परवीन बाबी ने भर दिया।'
डैनी और परवीन के रिश्ते पर भी खुलकर बोले कबीर
कबीर बेदी ने डैनी और परवीन के रिश्ते पर लिखा है, 'तब तक मैं परवनी को केवल डैनी डेंजोंग्पा की गर्लफ्रेंड के तौर पर जानता था। वह एक बेहद गुड लुकिंग सिक्कमी ऐक्टर था जो मुझसे 2 साल छोटा और परवीन से एक साल बड़ा था। कुछ ही समय में डैनी बॉलिवुड के सफल विलन बन गए और कई फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए। परवीन भी सफल हो रही थीं और दोनों 4 साल साथ रहे। परवीन खुलेआम डैनी के साथ रहती थीं।'
खुले विचारों की नहीं बल्कि कंजर्वेटिव थीं परवीन बाबी
कबीर बेदी ने अपने संस्मरण में आगे बताया है, 'भले ही लोग जीन्स पहनने वाली और सिगरेट पीने वाली परवीन बाबी को बहुत मॉडर्न समझते हों, मगर परवीन इसके बिल्कुल उलट बहुत कंजर्वेटिव थीं। जब जुहू का गैंग ओशो की शरण में जाकर 'फ्री सेक्स' किए जाने की बात करता था तो परवीन इसके उलट सेक्स में वफादारी चाहती थीं। यही तो था जो मुझे उस वक्त चाहिए था, जिसके कारण मुझे परवीन से प्यार हो गया।'
प्रतिमा से खत्म किया रिश्ता और परवीन के पास चले गए कबीर
कबीर बेदी लिखते हैं कि प्रतिमा बेदी के साथ उनका रिश्ता खत्म करना इतना आसान नहीं था। उन्होंने बताया, 'जब घर पर प्रतिमा पहुंची तो मैंने उन्हें बताया कि मैं रात में परवीन के पास जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि वह अभी आई हैं तो कम से कम उस रात मैं उनके साथ रुकूं। मगर मैंने मना कर दिया और कहा कि आज रात ही नहीं बल्कि हर रात परवीन के साथ ही रहना चाहता हूं। इसके बाद प्रतिमा खामोश होकर रोने लगीं और मुझसे वहां से जाने को कहा। इस तरह हमारी ओपन मैरिज खत्म हो गई।'
बचपन से मानसिक रोग की शिकार थीं परवीन
कबीर बेदी लिखते हैं कि परवीन बाबी शायद बचपन से ही मानसिक रोग की शिकार थीं। उन्होंने लिखा, 'परवीन बाबी के पूर्वज पश्तून थे और वह मुगल बादशाह हुमायूं के यहां नौकरी करते थे। बचपन में परवीन को मुगल स्मारकों के पास रूहें दिखाई देती थीं। वह बचपन में ही परिवार से अलग हो गई थीं और उनकी यह असुरक्षा की भावना उन्हें जिंदगीभर रही। उनकी खूबसूरती, सफलता और पहचान को इस डर खत्म कर दिया। मेरे दोस्त महेश भट्ट ने यह भी बताया था कि परवीन की मां ने उन्हें बताया था कि परवीन के पिता भी मानसिक रोग के शिकार थे। महेश भट्ट का मानना था कि परवीन का यह रोग खानदानी है।'
बचपन में पड़ा था परवीन को पहला पैनिक अटैक
कबीर बेदी ने लिखा, 'मुझे महेश भट्ट ने बताया कि बचपन में जब परवीन अहमदाबाद के सेंट जेवियर कॉलेज में पढ़ती थीं तब हिंदू-मुसलिम दंगों के दौरान उनकी मैट्रन ने एक मुस्लिम बच्चियों को अपनी वैन में गद्दों के नीचे छिपा लिया था। तब परवीन टीनेजर थीं और तभी उन्हें पहली बार पैनिक अटैक पड़ा था।'
मैंने नहीं बल्कि परवीन ने मुझे छोड़ा
कबीर बेदी ने पहली बार बताया है कि किस तरह मीडिया में उन्हें विलन की तरह पेश किया गया। उन्होंने लिखा, 'पहली बार स्टारडस्ट में परवीन बाबी के मानसिक रोग के बारे में लिखा गया। इसमें परवीन बाबी की बीमारी के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया गया कि मैंने उन्हें छोड़ दिया। जबकि सच्चाई यह है कि परवीन ने ही मुझे छोड़ दिया था और जब मैं उनकी मदद करना चाहता था तो उन्होंने इससे भी इनकार कर दिया था।'
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