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Tuesday, October 12, 2021

खुद का नाम तक भूल गए थे 'नट्टू काका', बेटे ने बताया कैसे बीता कैंसर से लड़ रहे पिता का आखिरी साल

'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' () शो के 'नट्टू काका' (Nattu Kaka) हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। यह एक ऐसा किरदार रहा, जिसने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के दिलों को छू लिया था। इसका क्रेडिट ऐक्टर घनश्याम नायक (Ghanshyam Nayak) को जाता है। घनश्याम नायक ने जिस तरह से नट्टू काका किरदार निभाया, वह सभी को भा गया। लेकिन 3 अक्टूबर को घनश्याम नायक का निधन हो गया। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। बीता एक साल घनश्याम नायक यानी नट्टू काका और उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किलों भरा रहा। कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद 'नट्टू काका' काम करते रहे और शूट पर जाते रहे। लेकिन बीते एक साल में घनश्याम नायक ने किस तरह तकलीफें झेलीं और क्या बीती, यह हाल ही उनके बेटे (Nattu Kaka son Vikas) विकास ने बताया। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में घनश्याम नायक के बेटे विकास ने बताया कि उनके पिता की 9 कीमोथैरपी और 30 रेडिएशन सेशन हुए थे। 9 कीमोथैरपी और 30 रेडिएशन सेशन हुए विकास ने कहा, 'एक साल पहले मेरे पापा की कैंसर की सर्जरी हुई थी। उसके बाद रेडिएशन और फिर कीमोथैरपी हुई। उनका कैंसर इतना दुर्लभ तरह का था कि जो ट्रीटमेंट उन्हें दिया जा रहा था वह 'ट्रायल एंड एरर' जैसा लग रहा था। उनकी 9 कीमोथैरपी हुईं- 5 पिछले साल और 4 इस साल।' पढ़ें: फेपड़ों तक फैला कैंसर विकास ने आगे बताया, 'इसके बाद 30 रेडिएशन सेशन हुए। सितंबर 2020 के आसपास सबकुछ कंट्रोल में लग रहा था। लेकिन मार्च 2021 में पापा के चेहरे पर सूजन आ गई। हमें लगा कि हो सकता है कि रेडिएशन के कारण ऐसा हुआ हो, लेकिन जो टेस्ट करवाए उनसे पता चला कि कैंसर फेफड़ों तक फैल गया है।' काम करने की जिद करते रहे, शो के लिए शूट किया विकास ने बताया कि इस साल अप्रैल में उन्होंने पापा के दोबारा कीमोथैरपी सेशन करवाए। जून तक कीमोथैरपी चली, पर इस बार कोई फायदा नहीं हुआ। सूजन भी कम नहीं हुई। विकास बोले, 'लेकिन पापा काम पर जाने की जिद करते रहे। इसलिए तब उन्होंने 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की थोड़ी सी शूटिंग भी की। एक ऐड भी उन्होंने शूट किया था।' पढ़ें: जब पता चला शरीर के अन्य हिस्सों तक फैला कैंसर लेकिन परिवार के पैरों तले जमीन तब खिसक गई जब पता चला कि अब कैंसर फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल चुका है। विकास ने कहा, 'हमने उस वक्त फिर एक और टेस्ट करवाया। पता चला कि कैंसर फेफड़ों के अलावा अन्य हिस्सों में भी फैल गया है। हमने तुरंत रही कीमोथैरपी रोक दी और होमियोपैथी व आयुर्वेद का इलाज करवाया। लेकिन स्थिति और भी बिगड़ती चली गई। आखिरी कुछ दिनों में पापा को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी। तब हमने घर पर ही नर्स और ऑक्सिजन का इंतजाम करने की कोशिश की। लेकिन उनकी हालत और बिगड़ गई। तब हम उन्हें अस्पताल लेकर भागे। उन्हें तुरंत ही आईसीयू में भर्ती करवाया। उसके बाद उन्हें वापस कमरे में ले आए। पर तबीयत दोबारा बिगड़ गई और फिर से आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।' खुद का नाम तक भूल गए थे 'नट्टू काका', पूछा था-मैं कौन हूं? विकास ने आगे बताया कि निधन से 15 दिन पहले उनके पिता का शुगर लेवल अचानक से बहुत ज्यादा बढ़ गया था और वह किसी को भी नहीं पहचान रहे थे। विकास बोले, 'शुगर लेवल कम होने पर वह सबको पहचानने लगे। लेकिन 2 अक्टूबर को पापा ने मुझसे पूछा कि मैं कौन हूं? पापा अपना ही नाम भूल गए थे। तब मैंने महसूस किया कि अब पापा दूसरी ही दुनिया में जा रहे हैं। पापा की आखिरी इच्छा थी कि जब वह मरें तो मेकअप पहनकर ही मरें। इसलिए उनके निधन पर मैंने मेकअप आर्टिस्ट को बुलाकर मेकअप करवाया। मैं सच बताऊं कि जब उनकी पल्स रुक गई तो उनके चेहरे पर बेहद शांति थी।'


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