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Friday, October 1, 2021

सिद्धार्थ शुक्ला की मौत को 1 महीना बीता, दोस्त आरती सिंह बोलीं- मेरा तो हर चीज से भरोसा उठ गया

चर्चित टीवी रियलिटी शो 'बिग बॉस 13' (Bigg Boss) की फाइनलिस्ट रहीं ऐक्ट्रेस आरती सिंह (Arti Singh) पिछले दो साल से स्क्रीन से दूर हैं। हालांकि, वह स्क्रीन पर दमदार वापसी के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। उन्होंने अपना वजन भी काफी कम किया है। ऐसे में, हाल ही में जब वह 'बिग बॉस 15' ( 15) के ट्रेलर लॉन्च पर बतौर एंकर पहुंची, तो हमने उनसे स्क्रीन से दूरी, दोस्त सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) के असामयिक निधन, भाई कृष्णा () और मामा गोविंदा () के बीच की अनबन और शादी जैसे पहलुओं पर की खास बातचीत: आप 'बिग बॉस 13' की फाइनलिस्ट रहीं। शो में आपकी चर्चा भी खूब हुई, फिर भी उसके बाद आप स्क्रीन पर नहीं दिखीं। ऐसा क्यों? यार, मुझे पता नहीं ऐसा क्यों हुआ। मुझे लगता है कि यह किस्मत की बात है। जैसे, मैं 5 साल से बिग बॉस में जाने की कोशिश कर रही थी, पांच साल मेरा बिग बॉस में नहीं हुआ। फिर उस सीजन में हुआ, जो सबसे बड़ा हिट था, तो देरी से मिला, पर जब मिला, तब छप्पर फाड़ के मिला। इसलिए, मैं किस्मत में बहुत यकीन करती हूं। मुझे अभी चीजें नहीं मिल रही हैं, पर जब कुछ होगा तो अच्छा ही होगा। हां, मैंने दो साल से काम नहीं किया है। कोविड महामारी भी इसकी बड़ी वजह रही, क्योंकि हम बाहर आए, तभी कोविड आ गया। इससे हमारा बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। फिर इसी बीच दूसरा सीजन आ गया, तो पिछले सीजन के लोगों का क्रेज कम हो ही जाता है। फिर भी, बिग बॉस ने मुझे एक नया करियर दिया, नया जन्म दिया, तो मुझे अब पीछे नहीं जाना है। मुझे अच्छा काम करना है, जिससे और ऊंचाई मिले, अब मैं सिर्फ पैसे कमाने के लिए काम नहीं करना चाहती, जो मैं पहले कर चुकी हूं। मैंने सिर्फ पैसे कमाने के लिए भी काम किया है, पर अभी मैं अच्छा काम करना चाहती हूं, जिसे करने में मजा आए, संतुष्टि मिले। एक कलाकार के तौर पर ऐसे काम का इंतजार करना कितना मुश्किल होता है? बुरा लगता है। मेरे में किसी के लिए जलन नहीं है, लेकिन यह जरूर महसूस होता है कि सब काम कर रहे हैं, मैं क्यों नहीं कर रही हूं। मैं यह सवाल करती कि मुझमें क्या कमी है, क्योंकि मुझमें कमी नहीं है, बस वक्त खराब है, लेकिन हां, अच्छा नहीं लगता है। मुझे लगता है कि मैं अच्छी हूं, फिर भी मुझे काम नहीं मिल रहा है। वैसे, अभी लग रहा है कि बिग बॉस से मेरा करियर चमका था और आज मैं इतने टाइम बाद काम कर रही हूं, वह भी बिग बॉस में, तो शायद यहीं से दोबारा मेरा करियर पटरी पर आए। 'बिग बॉस' के बाद जिंदगी में सकारात्मक बदलाव क्या आए? लोगों ने मुझे जानना शुरू कर दिया। वैसे, मुझे हमेशा गर्व रहा है कि मैं ऐसे परिवार से हूं, जिसमें सब इतने फेमस हैं। कृष्णा की बहन, चीची मामा (गोविंदा) की भांजी, आज भी लोग मुझे कृष्णा की बहन बुलाते हैं और मुझे इस पर गर्व है, पर निश्चित तौर पर एक कमतरी का अहसास था कि आरती को कौन जानता है? कोई नहीं जानता है, पर आज आरती को भी लोग जानते हैं, इससे एक अलग लेवल का कॉन्फिडेंस बढ़ा, इज्जत बढ़ी और मेरे लिए ये बहुत इंपॉर्टेंट है। 'बिग बॉस 13' में आपकी और सिद्धार्थ शुक्ला की गहरी दोस्ती देखने को मिली थी। हाल ही में हमने सिद्धार्थ को खो दिया। आपके लिए यह कितना बड़ा सदमा रहा? क्या आप उनके टच में थीं? नहीं, मैं दो साल से सिद्धार्थ के टच में नहीं थी। बिग बॉस से बाहर आने के बाद से मेरी उनसे बात हुई ही नहीं। घर के अंदर ऐसा बहुत कुछ हुआ कि बाहर आकर हमारी बात ही नहीं हुई। न उसने कभी कोशिश की, न मैंने कभी कोशिश की। मैंने बीच में एक-दो बार सोचा कि कॉल करूं, लेकिन नहीं किया, क्योंकि मुझे लगा कि वह अपनी जिंदगी में खुश है, तो उसे जीने दो। किसे पता था कि ऐसा कुछ हो जाएगा। अब अफसोस करती हूं कि करना चाहिए था कॉल। वह मेरा दोस्त था, मेरा उससे एक अलग रिश्ता था। कम से कम एक-दो बार कोशिश करती, अगर वह मुझे जवाब देता, तो अच्छा, वरना कम से कम मुझे यह तो लगता मैंने कोशिश तो की। आपने कहा था कि शो के बाद आप शादी करके सेटल हो जाना चाहती हैं। उस दिशा में क्या बात बढ़ी? ऐसा नहीं है कि मैं करना नहीं चाहती हूं। मैं शादी करना चाहती हूं, पर अभी मैं उस फेज में हूं कि दुनिया में किसी चीज का भरोसा नहीं है। कब कौन कहां चला जाएगा, पता नहीं। अब मेरा दिमाग अलग चलने लगा है। अब मुझे ऐसा लगता है कि अगर मुझे कोई नहीं मिल रहा है, तो शायद वह मेरे लिए अच्छा है। हो सकता है कि दुनिया को अलविदा कहने की अगली बारी मेरी हो। ऐसा हो सकता है। मेरा जन्म हुआ और मेरी मां गुजर गईं। हो सकता है कि भगवान न चाहते हों कि आरती के बच्चे के साथ ऐसा हो। इसलिए, अब मैं इस पल में जीना चाहती हूं, जो मैंने पहले कभी नहीं किया। 35 साल की अपनी जिंदगी में मैं हमेशा कल की सोचती थी कि मुझे शादी करनी है, मुझे बच्चे पैदा करने हैं। मैंने अपने सपनों की दुनिया सजाई थी, लेकिन अब जब मैंने लोगों को ऐसे जाते हुए देखा है न, तो मुझे लगता है कि आज में जियो। भाड़ में गई शादी, भाड़ में गए बच्चे। हो सकता है कि मेरे लिए वह लिखा ही नहीं है, तो आज जो है उसे जियो। आपके भाई कृष्णा अभिषेक और मामा गोविंदा की अनबन भी हमेशा सुर्खियों में रहती है। पिछले दिनों सुनीता जी ने कह दिया कि वे कृष्णा की शक्ल नहीं देखेंगी। आप पर इस झगड़े का क्या असर पड़ा? क्या आपने कभी इसे सुलझाने की कोशिश नहीं की? मैंने न कभी कृष्णा के मामले में बोला, न चीची मामा के मामले में बोला, लेकिन गेहूं के साथ घुन भी पिसता है। चीची मामा मुझसे से नहीं बात करते हैं। कोई मुझसे बात नहीं करता है। हालांकि, मुझे इन दोनों के झगड़े में भी प्यार दिखता है। कृष्णा को इस बात का गुस्सा है कि यह मुझसे बात नहीं कर रहे हैं, माफ नहीं कर रहे हैं। उनको गुस्सा है कि ये लोग आकर माफी मांगे। मैंने कृष्णा को समझाया, उसने माफी मांगी भी है, पर पता नहीं यह झगड़ा सुलझ क्यों नहीं रहा है। मैं चाहती हूं कि यह सुलझ जाए। हम हमेशा एक खुशहाल परिवार रहे हैं। हम रक्षाबंधन, दिवाली सब साथ मनाते थे। मैं उम्मीद करती हूं कि ये मसला सुलझ जाए। मैं नहीं चाहती कि मेरे मरने पर यह परिवार इकट्ठा हो। मैं चाहती हूं कि मेरे जीते जी ऐसा हो जाए।


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