'इश्कबाज' फेम नकुल मेहता (Nakuul Mehta ) ने कोरोना वायरस के दौरान देश की स्थिति को अपनी कविता में बड़ी ही खूबसूरती से पिरोया है। कोविड की वजह से देश भर में जिस तरह के हालात बनते जा रहे हैं, उसे लेकर प्रशासन और नेता पर उंगलियां उठाते हुए नकुल मेहता ने कविता सुनाई हैं और अपना यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। कोरोना के इस तूफान में प्रशासन की आलोचना करते हुए नकुल मेहता (Nakuul Mehta ) ने शानदार कविता शेयर की है, जिसकी पंक्तियां उन्होंने लिखी भी है और इसे पढ़ते हुए वीडियो भी शेयर किया है। इस कविता का टाइटल है- मरघट का शहंशाह। नकुल ने इस कविता को शेयर करते हुए @ajaxsingh को टैग किया है और बताया है कि लेखन उनकी है। यह कविता कुछ ऐसी है- “मरघट का शहंशाह” लेखन: @ajax.singh उसकी ख़्वाहिशों की तो कोई इंतेहा ही न थी वो ऊँचे से ऊँचे मक़ामों पर बढ़ता गया लाशों की सीढ़ियाँ चढ़ता गया खुदा कहलाने का शौक था जिसे मरघट का मसीहा बन के रह गया तुम पत्थर की कब्रें बनाना बंद करो वो मंच समझकर चढ़ जायेगा फिर शुरू कर देगा भाषण, ये सोचकर कोई न कोई मुर्दा तो ज़रूर सुनने आएगा जिसने दिन रात बस ज़हर घोला हो हवा में क्यूँ उम्मीद करते हो, तुम्हारे लिए ऑक्सीजन लायेगा शमशानों कब्रिस्तानों में कम्पटीशन करानेवाला क्या ख़ाक तुम्हारे लिए हॉस्पिटल बनवायेगा ऐसा न समझो कि उसे तुमसे मोहब्बत नहीं या तुम्हारे ज़िंदा रहने में उसे कोई इंटरेस्ट नहीं बस उससे कुछ कहो मत, सुनते रहो फिर देख लेना मियाँ, ज़िन्दों की तो क्या ही कहो वो बहुत जल्द मुर्दों से भी वोट डलवाएगा सोशल मीडिया पर नुकल मेहता की इस कविता की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। लोग इसे पसंद कर रहे हैं और लगातार रीशेयर भी कर रहे हैं। बता दें कि नकुल मेहता हाल ही में पिता बने हैं। पिछले दिनों उन्होंने जानकारी दी है कि बच्चे को बायलेट्रल इन्गुइनल हर्निया की परेशानी है, जिसकी वजह से एक सर्जरी होनी है। अपने नन्हे लाडले की इस तकलीफ से इस वक्त नकुल और उनकी वाइफ जानकी पारेख दोनों काफी दुखी हैं।
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