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Saturday, October 17, 2020

Om Puri Birthday: कभी चाय की दुकान पर झूठे प्याले धोते थे ओम पुरी, फिर वर्ल्ड सिनेमा पर छोड़ी छाप

भारतीय सिनेमा के अगर कुछ बेहतरीन ऐक्टर्स की बात की जाए तो उनमें ओम पुरी को भी गिना जाएगा। ओम पुरी ने अपनी जिंदगी में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। उनकी पर्सनल लाइफ बहुत अच्छी नहीं रही और अंतिम समय तक वह विवादों में भी घिरे रहे। लेकिन उनकी ऐक्टिंग पर कभी कोई उंगली नहीं उठा सका। आइए, ओम पुरी के बर्थडे पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ अनजानी बातें।

भारतीय सिनेमा के कुछ बेहतरीन ऐक्टर्स में ओम पुरी का नाम हमेशा लिया जाएगा। ओम पुरी ने अपनी जिंदगी में केवल इंडियन ही नहीं बल्कि विदेशी भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया। आइए, उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ अनजानी बातें।


Om Puri Birthday: कभी चाय की दुकान पर झूठे प्याले धोते थे ओम पुरी, फिर वर्ल्ड सिनेमा पर छोड़ी छाप

भारतीय सिनेमा के अगर कुछ बेहतरीन ऐक्टर्स की बात की जाए तो उनमें ओम पुरी को भी गिना जाएगा। ओम पुरी ने अपनी जिंदगी में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। उनकी पर्सनल लाइफ बहुत अच्छी नहीं रही और अंतिम समय तक वह विवादों में भी घिरे रहे। लेकिन उनकी ऐक्टिंग पर कभी कोई उंगली नहीं उठा सका। आइए, ओम पुरी के बर्थडे पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ अनजानी बातें।



मराठी फिल्म से किया था डेब्यू
मराठी फिल्म से किया था डेब्यू

ओम पुरी ने नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग सीखने के बाद FTII से ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने मराठी फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से फिल्मों में डेब्यू किया था जो इसी नाम के एक नाटक पर आधारित थी। इसके बाद ओम पुरी ने हिंदी सहित इंग्लिश, कन्नड़, पंजाबी जैसी कई भाषाओं की फिल्मों में काम किया।



नसीरुद्दीन शाह ने सिखाया नॉनवेज खाना
नसीरुद्दीन शाह ने सिखाया नॉनवेज खाना

ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक ही बैच में पढ़ते थे। दोनों की दोस्ती आखिरी दम तक कायम रही। ओम पुरी जब नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा आए थे तब वह वेजिटेरियन थे। ओम पुरी ने एक इंटरव्यू में बताया कि यह नसीरुद्दीन शाह थे जिन्होंने उन्हें मांस खाना सिखाया था।



नसीर के साथ किया था बेहतरीन फिल्मों में काम
नसीर के साथ किया था बेहतरीन फिल्मों में काम

ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह केवल क्लासमेट ही नहीं थे बल्कि अच्छे दोस्त भी थे। साथ में करियर शुरू करने के बाद इन दोनों ने कुछ बेहतरीन फिल्मों में साथ में काम किया था जिनमें 'जाने भी दो यारों', 'आक्रोश', 'द्रोह काल', 'अर्ध सत्य', 'मंडी', 'पार', 'स्पर्श', 'मिर्च मसाला' और 'अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है' जैसी बॉलिवुड की कुछ बेहतरीन फिल्में शामिल हैं।



बेहद गरीब परिवार से आए थे ओम पुरी
बेहद गरीब परिवार से आए थे ओम पुरी

ओम पुरी ने अनुपम खेर के शो में बताया था कि वह बेहद गरीब थे और बचपन में एक चाय की दुकान पर झूठे बर्तन मांजा करते थे। उन्होंने कहा कि नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में आने के बाद उन्हें लोगों से घुलने-मिलने में काफी दिक्कत होती थी क्योंकि बाकी लोग उनके जैसी बैकग्राउंड से नहीं आए थे।



ठीक से हिंदी नहीं बोल पाते थे और इंग्लिश फिल्मों में जमाई धाक
ठीक से हिंदी नहीं बोल पाते थे और इंग्लिश फिल्मों में जमाई धाक

ओम पुरी जब नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में आए थे तो उनकी भाषा बहुत खराब थी। वह केवल पंजाबी बोलते थे और ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पाते थे। ऐक्टिंग सीखते हुए ही ओम पुरी ने अपनी भाषा पर काम किया और धीरे-धीरे वह हिंदी ही नहीं बल्कि इंग्लिश भी बेहतरीन बोलने लगे। ओम पुरी ने अपने करियर में इंग्लिश की कई फिल्मों में काम किया है जिन्हें आज भी सराहा जाता है।



पूरी जिंदगी रहे बेबाक
पूरी जिंदगी रहे बेबाक

ओम पुरी पूरी जिंदगी बेहद बेबाक रहे। उनकी पत्नी नंदिता पुरी ने उनकी बायॉग्रफी लिखी थी जिसमें उन्होंने ओम पुरी के बारे में कुछ बेहद आपत्तिजनक बातें भी लिखी थीं। ओम पुरी और नंदिता पुरी बाद में अलग रहने लगे थे। ओम पुरी कई बार अपने पॉलिटिकल बयानों के कारण भी विवादों में आ गए थे। हालांकि आखिरी समय में ओम पुरी अकेले रहने लगे थे।





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